पहली पीढ़ी -( वैक्यूम ट्यूब )
पहली पीढ़ी के कम्प्युटर की शुरुआत 1951 के दशक मे यूनिवेक के साथ हुई । इनमे वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया गया और इनकी मेमोरी तरल परे और विधुतीय ड्रम्स की पतली नाली से निर्मित की गयी थी ।
दूसरी पीढ़ी (ट्रांजिस्टर)
1950 के दशक के अंत मे दूसरी पीढ़ी के कम्प्युटर मे वैक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टरो ने ले ली और मेमोरी (IBM 1401 , Honeywell 800 ) के लिए मैगनेट कोर का निर्माण होने लगा । कम्प्युटर का आकार छोटा हो गया और विश्वसनीयता भी बढ़ गयी ।
तीसरी पीढ़ी (इंटिग्रेटिड सर्र्किट्स)
तीसरी पीढ़ी के कम्प्युटर की शुरुआत 1060 के दशक के मध्य मे हुई इनमे पहली बार इंटिग्रेटिड सर्र्किट्स 9आईबीएम360 ए CDC 6400 ) और operating सिस्टम का इस्तेमाल हुआ इसमे ऑनलाइन सिस्टम्स का बड़े पैमाने पर विकास हुआ । इस समय के कम्प्युटर मे पंचड़ कार्डस और विधुतीय टेप्स का इस्तेमाल का बैच पर आधारित प्रोसेसिंग हुआ करती थी।
चौथी पीढ़ी (माइक्रोप्रोसेसर)
इसकी शुरुआत 1970 के दशक के मध्य मे हुई । इस समय कम्प्युटरो को बनाने मे चिप का इस्तेमाल होने लगा जिसके चलते छोटे प्रोसेसर ( माइक्रोप्रोसेसर ) और निजीकम्प्युटर्स (पर्सनल कम्प्युटर ) अस्तित्व मे आए Computer मे Distributed प्रोसेसिंग और office ऑटोमेशन
की शुरुआत हुई । इस दौरान क्यूरी भाषाओ , रिपोर्ट राईटर्स और स्प्रेडशीट्स की वजह से काफी संख्या मे लोग कम्प्युटर से जुड़े ।
पांचवी पीढ़ी (आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस )
पाँचवी पीढ़ी के कम्प्युटरो मे मे कम्प्यूटिंग के कई बेहतरीन तरीके जिसमे आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस और ट्रयू Distributed प्रोसेसिंग को शामिल किया गया है ।
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